ट्रंप का टैरिफ वार, कितना होगा कारगार
राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने संरक्षणवादी एजेंडे के साथ ही चीन, कनाडा व मैक्सिको पर भारी-भरकम टैरिफ थोपकर व्यापार युद्ध की शुरुआत कर दी है। ट्रंप के फैसले से वैश्विक बाजारों में भूचाल है।
Img Banner
profile
Sanjay Purohit
Created AT: 08 फरवरी 2025
46
0
...

राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने संरक्षणवादी एजेंडे के साथ ही चीन, कनाडा व मैक्सिको पर भारी-भरकम टैरिफ थोपकर व्यापार युद्ध की शुरुआत कर दी है। ट्रंप के फैसले से वैश्विक बाजारों में भूचाल है। इन तीनों देशों द्वारा इसका जबाब देने की घोषणा से विश्व व्यापार युद्ध शुरू होने की आशंका पैदा हो गई है। दरअसल, अमेरिका ने अपने शीर्ष व्यापारिक सहयोगी कनाडा व मैक्सिको पर 25 फीसदी और चीनी सामानों पर 10 प्रतिशत टैफिक थोपकर उन्हें आर्थिक प्रतिशोध हेतु बाध्य कर दिया है। कनाडा ने अमेरिकी आयात पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है तो मैक्सिको भी ऐसा मन बना रहा है। वहीं चीन पिछली टैरिफ लड़ाइयों से परेशान होकर रणनीतिक प्रतिशोध को तैयार है। वह इस मामले को विश्व व्यापार संगठन तक ले जाने की बात कर रहा है। हालांकि, भारत फिलहाल ट्रंप की संरक्षणवादी कार्रवाई से बचा नजर आता है। भारत ने टैरिफ कटौती की दिशा में कदम उठाते हुए ट्रंप के उस टैरिफ दुरुपयोग के आक्षेप से बचने का प्रयास किया है, जिसको लेकर ट्रंप भारत को निशाने पर लेते हैं। दरअसल, भारत में शीर्ष तीस अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क मसलन कच्चे पेट्रोलियम से लेकर हार्ले-डेविडसन मोटर साइकिल तक पर मामूली टैरिफ हैं। निस्संदेह, यह रणनीतिक कदम न केवल तत्काल अमेरिकी प्रतिशोध को रोकता है बल्कि वैश्विक आपूर्ति शृंखला में एकीकृत होने के लिये भारत की प्रतिबद्धता का भी संकेत देता है। जैसा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में रेखांकित किया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत अमेरिकी व्यापार घाटे में केवल 3.2 प्रतिशत का ही कारक है। इसकी वजह यह भी है कि भारत के तेजी से बढ़ते फार्मास्युटिकल और कीमती धातुओं के निर्यात फिलहाल कमजोर बने हुए हैं। यह अच्छी बात है कि ट्रंप ने पहले टैरिफ वार से भारत को राहत दी है, लेकिन वैश्विक व्यापार युद्ध से भारत में विदेशी निवेश प्रभावित हो सकता है। असर रुपये की सेहत पर भी पड़ेगा।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा से द्विपक्षीय व्यापार खिड़की खुलने की संभावना है। वहीं ट्रंप की इस कार्रवाई का एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि सामान पर टैरिफ बढ़ाए जाने से चीनी उत्पाद महंगे होंगे, तो भारतीय निर्यातक अमेरिका बाजार में नये अवसर तलाश सकते हैं। खासकर कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो पार्ट्स के क्षेत्र में। लेकिन इसके बावजूद भारत को सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। इस टैरिफ जंग का एक पहलू यह भी कि अमेरिका में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। ट्रंप ने अमेरिकी लोगों को मुश्किल समय के लिये तैयार रहने के लिये कहा है। आशंका है कि इससे भारत के सबसे बड़े निर्यात बाजारों में से एक में मांग कम हो सकती है। वहीं दूसरी ओर कोई भी अमेरिकी व्यापारिक प्रतिबंध अंतत: भारत के प्रमुख उद्योगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, हमने उभरते वैश्विक आर्थिक युद्ध से बचने के लिये व्यावहारिक टैरिफ रणनीति को अपनाया है, लेकिन अभी भी बड़े वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका खत्म नहीं हुई है। हालिया केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स में छूट देकर मध्य वर्ग को खुश तो किया है, लेकिन ट्रंप के व्यापार युद्ध की घोषणा से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसे में भारत को व्यापार संतुलन को बनाये रखने और ग्लोबल इकॉनमी पर संभावित नकारात्मक प्रभाव के लिये तैयार रहना होगा। आशंका है कि कनाडा, मैक्सिको व चीन के बाद ट्रंप यूरोप को भी निशाने पर ले सकते हैं। एक अनिश्चितता पैदा हुई है कि यह टैरिफ युद्ध कितना और किस दिशा में बढ़ता है। आर्थिक विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं कि मोदी की अमेरिका यात्रा में ट्रंप भारत से व्यापार असंतुलन दूर करने को कह सकते हैं। वहीं दूसरी ओर भारत अमेरिका से आधुनिक अस्त्र, कच्चा तेल व प्राकृतिक गैस तथा कृषि उत्पाद आयात बढ़ाकर टैरिफ युद्ध की छाया से बच सकता है। बाकी कुछ ट्रंप की प्राथमिकताओं पर भी निर्भर करेगा। लेकिन साथ ही भारत को विश्व व्यापार संगठन के सभी देशों के लिए समान टैरिफ नियम का भी पालन करना होगा। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य भी सामने हैं।


ये भी पढ़ें
सीएम की घोषणा,कटंगी और पौड़ी बनेगी तहसील,लाड़ली बहना योजना सम्मेलन में शामिल हुए सीएम
...

IND Editorial

See all →
Sanjay Purohit
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: समानता के लिए बदलाव की बुनियाद बने परिवार
देश-दुनिया के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय है लेकिन लैंगिक भेदभाव और असमानता की स्थितियां उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने में बाधा है। उनके सशक्तीकरण के लिए ऐसा प्रेरणादायी पारिवारिक-सामाजिक ताना-बाना चाहिये जिसमें उन्हें हर स्तर पर प्रोत्साहन-प्रशंसा मिले।
15 views • 2025-03-08
Sanjay Purohit
बेतार से जुड़ते दिल-विल प्यार-व्यार
आज के डिजिटल युग में प्यार रचाना बहुत सुविधाजनक हो गया है, फिर भी न तो प्रेमियों ने पेड़ों पर लटकना बंद किया और न ही ज़हर गटकना कम किया। प्रेम की जो अभिव्यक्ति पहले महीनों-सालों तक की लम्बी हुआ करती, अब कुछ क्लिक की दूरी पर है।
58 views • 2025-02-20
Sanjay Purohit
2047 का सुपरपावर भारत! शिक्षा, तकनीक और संस्कृति से होगा कमाल
भारत 2047 तक शिक्षा, तकनीक और नवाचार के दम पर वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है. नई शिक्षा नीति, डिजिटल इंडिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने में मदद कर रहे हैं.
146 views • 2025-02-19
Sanjay Purohit
वेलेंटाइन डे : प्रेम के सेलिब्रेशन का ग्लोबल उत्सव
बासंती बयार के बीच प्रेम का खुमार माहौल में चहूं और पसरा है। जिसे युवा वेलेंटाइन डे के तौर पर सेलिब्रेट कर रहे हैं। बेशक प्यार की कोई परिभाषा देना असंभव सी बात हो लेकिन यह अनंत रहस्य महसूस तो होता है। जो प्रेम में हो उसे बाहर सब कुछ प्रेममय लगता है।
243 views • 2025-02-14
Sanjay Purohit
डिजिटल दुनिया में जनरेशन जेड भूल रही 5500 साल पुरानी हाथ से लिखने की कला
हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि जनरेशन जेड के लगभग 40 फीसदी लोग हस्तलिखित संवाद पर पकड़ खोते जा रहे हैं
183 views • 2025-02-11
Sanjay Purohit
सिक्स्थ सेंस क्या है और यह कैसे काम करती है?
छठी इंद्रिय या 'सिक्स्थ सेंस' को अंतर्ज्ञान या मानसिक चेतना भी कहते हैं। सिक्स्थ सेंस के मजबूत होने से हमें साधारण इंद्रियों से परे जाकर समझने की क्षमता मिलती है लेकिन सबमें सिक्स्थ सेंस होने के बावजूद बहुत कम लोगों की सिक्स्थ सेंस मजबूत होती है और बेहद कम लोग ही इसका इस्तेमाल भी कर पाते हैं।
59 views • 2025-02-08
Sanjay Purohit
ट्रंप का टैरिफ वार, कितना होगा कारगार
राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने संरक्षणवादी एजेंडे के साथ ही चीन, कनाडा व मैक्सिको पर भारी-भरकम टैरिफ थोपकर व्यापार युद्ध की शुरुआत कर दी है। ट्रंप के फैसले से वैश्विक बाजारों में भूचाल है।
46 views • 2025-02-08
Sanjay Purohit
सागर जैसा मन, कभी ख़त्म नहीं होने वाली असीम इच्छाए
जो शांत है, उसके पास सुख है। और शांत वही रह सकता है, जिसका इंद्रियों और मन पर नियंत्रण है। जिसने इच्छाओं को अनुशासित कर रखा है, वह शांत है। जो शांत है वही परम सत्य को प्राप्त कर सकता है। जिसके पास बैठने मात्र से शांति की अनुभूति होती है, वह संत है।
139 views • 2025-02-06
Sanjay Purohit
दिखावा और शानो-शौकत छोड़ सादगी से निभाएं शादी की रस्में
दिखावे के चलते समाज का एक बड़ा हिस्सा अब शादियों पर जमकर पैसा खर्च कर रहा है। नई-नई वेन्यू, रस्में, ज्यादा मेहमान और वेडिंग प्लानर आदि पर खर्च की एक होड़ है। ऐसे खर्चीले आयोजन सीमित आय वर्ग के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं।
91 views • 2025-02-04
Sanjay Purohit
जैव विविधता की हानि – जीवन के अस्तित्व को खतरा
जलवायु परिवर्तन पर कम ही सही लेकिन हर साल सालाना सम्मेलन के वक्त कुछ चर्चा तो होती है लेकिन जैव-विविधता को लेकर मीडिया में चुप्पी ख़तरनाक है.
46 views • 2025-02-03
...